Question: ऑनलाइन कुंडली कैसे देखते हैं?

मोबाइल में कुंडली कैसे देखी जाती है?

कुंडली देखने का सही तरीका [Free Online]ऑनलाइन कुंडली देखने के लिए आपको सबसे पहले www.freekundli.com पर जाना होगा।इसके बाद आपके सामने एक नया फॉर्म खुलकर आएगा |यहाँ आपको अपना नाम, जन्मतिथि, जन्म समय आदि सभी जानकारी भरकर सबमिट वाली बटन पर क्लिक करना होगा |इसके बाद आपके सामने आपकी जन्म कुंडली खुलकर आ जाएगी।More items •May 25, 2021

जन्म समय कैसे जाने?

कैसे अपने जन्म का समय पता करेंजन्म प्रमाण पत्र अथवा चिकित्सालय के दस्तावेज ढूंढेज्योतिष शास्त्र से अपने जन्म के समय का अनुमान लगाए

कुंडली कैसे पड़ते है?

भारतीय ज्योतिष में किसी भी व्यक्ति का भूत, भविष्य और वर्तमान जानने के लिए जन्मकुंडली या प्रश्नकुंडली बनाने का प्रचलन है। इस कुंडली में 12 खाने होते हैं जिन्हें 12 भाव या 12 घर भी कहा जाता है। इन 12 खानों में से जीवन का सारा रहस्य छिपा होता है। इन्हीं के आधार पर ज्योतिषी हमारे प्रश्नों के उत्तर देते हैं।

लग्न कुंडली कैसे देखे?

जब भी आप कुंडली देखें तो उसमें सर्वप्रथम आप लग्नेश की स्थिति को देखें कि वह किस अवस्था में बैठा है उसके बाद चंद्र राशीश अर्थात चंद्र जिस राशि में बैठा हो उस राशि के स्वामी की स्थिति को देखें और यह तुलना करें दोनों में कौन अधिक बली अवस्था में है यदि लग्नेश, चंद्र राशीश से अधिक बली है तो लग्न कुंडली को प्राथमिकता देनी

बिना टाइम के कुंडली कैसे बनाये?

ऑनलाइन अपने मोबाइल से जन्म कुंडली कैसे बनाये?ऑनलाइन जन्म कुंडली बनाने के लिए आपको सबसे पहले www.freekundli.com पर जाना होगा। डायरेक्ट लिंक पर क्लीक करने पर आपके सामने नीचे दिखाई गई इमेज की तरह फॉर्म ओपन होगा।यहाँ आपको अपनी सभी डिटेल्स जैसे नाम, जन्मतिथि, जन्म समय आदि भरनी होगी। जैसे ही आप सबमिट बटन पर क्लीक करेंगें।Feb 21, 2020

मेरी जन्म कुंडली में क्या लिखा है?

आइये जाने क्या कहती हें आपकी कुंडली (धन प्राप्ति/शिक्षा/रोजगार के कुछ खास/महत्वपूर्ण कारक योग) ; What yours kundali speaks. इसी तरह व्यक्ति को अपने कैरियर के विषय में निर्णय लेने से पूर्व ये जान लेना चाहिए कि उसके भाग्य में किस माध्यम से धन कमाना लिखा है अर्थात उसकी जन्मकुंडली अनुसार उसे किस कार्यक्षेत्र में जाना है.

सूर्य कुंडली कैसे बनती है?

वर्त्तमान सौर मंडल के बाह्य वलय या स्फेरिकल सराउंडिंग तथा उसके अन्दर एक निश्चित कक्ष्या में नित संचरण शील ग्रहों क़ी अपनी अपनी वलयाकृतियों के एक निश्चित काल में ऐसे कोण पर आ जाना जिससे हमारे भूमंडल का कोई विशेष भाग उनके सीधे प्रभाव में पड़ता है, वहां या उस स्थान के लिये एक स्थाई विन्दु बन जाता है.

कुंडली में क्या लिखा है?

यदि जन्मकुण्डली के किसी भाव में बुध-गुरू अथवा राहु-बुध की युति हो। यदि गुरू, शुक्र एवं धनेश तीनों अपने मूल त्रिकोण अथवा उच्च राशि में केन्द्रस्थ अथवा त्रिकोणस्थ हो तथा सूर्य मंगल द्वारा दृष्ट हो तो जातक न्यायशास्त्र का ज्ञाता होता हैं। यदि गुरू पंचमेश अथवा स्वराशि का हो और शनि व बुध द्वारा दृष्ट हो।

नाम से कुंडली कैसे निकाले?

नाम के अनुसार कुंडली मिलान का अर्थ होता है कि लड़का और लड़की दोनों के नाम का नक्षत्रों के हिसाब से गुणों का मिलान करना। इसमें दोनों के नाम से पता लगाया जाता है कि उनके कितने गुण मिल रहे हैं और इनकी शादी कैसी निभेगी। गणना के अनुसार 36 गुण मिलने पर विवाह के लिए शुभ संकेत माना जाता है।

लग्न कैसे बनती है?

व्यक्ति के जन्म के समय पूर्वी क्षितिज पर जो राशि उदित हो रही होती है उसके कोण को लग्न कहते हैं। जन्म कुण्डली में 12 भाव होते है। इन 12 भावों में से प्रथम भाव को लग्न कहा जाता है। इसका निर्धारण बालक के जन्म के समय पूर्वी क्षितिज में उदित होने वाली राशि के आधार पर किया जाता है।

सप्तम भाव का स्वामी कौन है?

- कुंडली में सूर्य सप्तम भाव में हो और सप्तम भाव का स्वामी शुक्र के साथ हो तो व्यक्ति की शादी कम आयु में हो जाती है।

नाम से जाने शादी कब होगी २०२1?

22 अप्रैल 2021, दिन गुरुवार से शादी की शहनाई बजनी शुरू हो जाएगी। इस साल अप्रैल महीने की 22 तारीख से शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त शुरू होंगे जो कि 15 जुलाई तक रहेंगे।

जन्मतिथि से जाने शादी कब होगी?

इसके लिए अगर आपका जन्म 22 तारीख से पहले हुआ है तो अपनी जन्म की तारीख में से 3 को घटा लें, और अगर जन्म 22 तारीख के बाद हुआ है तो जन्म की तारीख में 2 घटा लें। अब जो शेष बचा हैं उनमें 6 जोड़ लें। इसके बाद लड़कियां अपनी उम्र 16 या 18 के बाद 6 जोड़े वहीं लड़के अपनी उम्र 21 के बाद 1.6 जोड़े।

राशि और लग्न में क्या अंतर है?

जातक की जन्म कुंडली के प्रथम भाव में जिस राशि का अंक होगा उससे जातक का लग्न कहा जाएगा तथा जिस भाव में चंद्रमा स्थित होगी उसे जातक का राशि कहा जाएगा। किसी भी जातक के जन्म कुंडली में द्वादश भाव होते हैं । जातक के जन्म के समय राशि आकाश मंडल में दिखाई दे रही हीती है।

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